एक बाल्टी दूध ,Inspirational Story

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एक बाल्टी दूध ,Inspirational Story 

एक बार एक राजा के राज्य में महामारी फ़ैल गयी | चारो ओर लोग मरने लगे राजा ने इसे रोकने के लिए बहुत सारे उपाय करवाये मगर कुछ असर न हुआ और लोग मरते रहे | दुखी राजा ईश्वर से प्रार्थना करने लगा | तभी अचानक आकाशवाणी हुई | 

Ek Balti Dudh Inspirational Story In Hindi
Inspirational Story 

आसमान से आवाज आयी कि हे राजा तुम्हारी राजधानी के बीचो बीच जो पुराना सूखा कुंआ है अगर अमावस्या की रात को राज्य के प्रत्येक घर से एक - एक बाल्टी दूध उस कुएं में डाला जाये तो अगली ही सुबह ये महामारी समाप्त हो जायेगी और लोगों का मरना बंद हो जायेगा | राजा ने तुरंत ही पुरे राज्य में यह घोषणा करवा दी कि महामारी से बचने के लिए अमावस्या की रात को हर घर से कुएं में एक - एक बाल्टी दूध डाला जाना अनिवार्य है | 

एक बाल्टी दूध ,Inspirational Story 

अमावस्या की रात जब लोगों को कुएं में दूध डालना था उसी रात राज्य में रहने वाली एक चालाक एवं कंजूस बुढ़िया ने सोंचा कि सारे लोग तो कूएं में दूध डालेंगे अगर मैं अकेली एक बाल्टी पानी डाल दूं तो किसी को क्या पता चलेगा | इसी विचार से उस कंजूस बुढ़िया ने रात में चुपचाप एक बाल्टी पानी कुएं में डाल दिया | अगले दिन जब सुबह हुई तो लोग वैसे ही मर रहे थे | कुछ भी नहीं बदला था क्योंकि महामारी समाप्त नहीं हुयी थी | राजा ने जब कुएं के पास जाकर इसका कारण जानना चाहा तो उसने देखा कि सारा कुआं पानी से भरा हुआ है | दूध की एक बूंद भी वहां नहीं थी | राजा समझ गया कि इसी कारण से महामारी दूर नहीं हुई और लोग अभी भी मर रहे हैं |

एक बाल्टी दूध ,Inspirational Story 

दरअसल ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जो विचार उस बुढ़िया के मन में आया था वही विचार पूरे राज्य के लोगों के मन में आ गया और किसी ने भी कुएं में दूध नहीं डाला | 

Ek Balti Dudh Inspirational Story In Hindi
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मित्रों ,जैसा इस कहानी में हुआ वैसा ही हमारे जीवन में भी होता है | जब भी कोई ऐसा काम आता है जिसे बहुत सारे लोगों को मिल कर करना होता है तो अक्सर हम अपनी जिम्मेदारियों से यह सोच कर पीछे हट जाते हैं कि कोई न कोई तो कर ही देगा और हमारी इसी सोच की वजह से स्थितियां वैसी की वैसी बनी रहती हैं | अगर हम दूसरों की परवाह किये बिना अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने लग जायें तो पूरे देश में ऐसी बदलाव ला सकते हैं जिसकी आज हमें जरूरत हैं | 










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